यूके की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की ओर से की गई एक स्टडी के मुताबिक, खराब ओरल हेल्थ और बीमार मसूड़े दांतों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को 37 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है.
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बी एम जे ओपन जर्नल में छपी स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने 3 साल तक के लिए 64 हज़ार379 ऐसे मरीज़ों के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया, जिन्हें मसूड़ों की बीमारियां थी. इन मरीज़ों के रिकॉर्ड की तुलना उन 251,161 मरीज़ों से की गई, जिनके पास मसूड़ों की बीमारी का कोई रिकॉर्ड नहीं था.
निष्कर्षों के अनुसार, जिन मरीज़ों में मसूड़ों की बीमारी का रिकॉर्ड इतिहास रहा है, उनमें उन लोगों की तुलना में मेंटल हेल्थ प्रॉबल्म्स होने का खतरा अधिक था, जो किसी भी ओरल हेल्थ परेशानी से पीड़ित नहीं थे.
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