हंसना हर मर्ज की दवा है, लेकिन क्या हो जब यह दवा बेहोशी का कारण बन जाए? ऐसा ही कुछ हुआ हैदराबाद के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ, जो ज्यादा हसंने के कारण बेहोश हो गए. चलिए जानते हैं ऐसा क्यों होता है.
हंसना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन ज्यादा हसंने के कारण बेहोश हो सकते हैं. इसे लाफ्टर इंड्यूस सिनकोप कहते हैं. इस घटना के बारे में हैदराबाद के अपोलो अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने एक्स पर बताया. डॉक्टर ने पोस्ट में लिखा कि एक रेयर कंडीशन के कारण व्यक्ति बहुत ज़ोर से हंसते हुए बेहोश हो जाता है.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए हैदराबाद स्थित कंसल्टेंट-इंटरनल मेडिसिन डॉ. अथर पाशा ने कहा कि यह लाफ्टर इंड्यूस सिनकोप के कारण होता है. यह एक रेयर कंडीशन है, लेकिन ऐसा तब होता है, जब हार्ट रेट में अचानक फ्लकचुएशन हो और ब्लड प्रेशर कम हो जाए. ऐसा होने पर इंसान बेहोश हो सकता है.
लाफ्टर इंड्यूस सिंकोप एक रेयर कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति ज्यादा हंसने के कारण बेहोश हो जाता है. सिंकोप, जिसे आमतौर पर बेहोशी के रूप में जाना जाता है, कॉन्सेसनेस का एक टेंपरेरी लॉस है, जो आमतौर पर ब्लड प्रेशर में कमी के कारण होता है, जिससे ब्रेन में ब्लड फ्लो कम हो जाता है.
लाफ्टर इंड्यूस सिंकोप के शुरुआती लक्षण कॉन्सेसनेस का टेंपररी लॉस है. अन्य लक्षणों में शामिल है-
पेशेंट हिस्ट्री: इसमें मरीज की मेडिकल हिस्ट्री देखी जाती है. साथ ही, सिंकोप के आसपास की कंडीशन की जांच की जाती है.
फिजिकल एग्जामिनेशन: सिंकोप के अन्य कारणों का पता लगाने के लिए फिजिकल एग्जामिनेशन करना है.
डायग्नोस्टिक टेस्ट: इसमें हार्ट फंक्शन और ब्लड प्रेशर की रिएक्शन चेक करने के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी), इकोकार्डियोग्राम या टिल्ट-टेबल टेस्ट शामिल हो सकते हैं.
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