Type 1 Diabetes In Children: भारत में बड़ों के साथ साथ बच्चों में भी डायबिटीज़ के मामले काफी बढ़ रहे हैं. जहां टाइप 2 डायबिटीज़ (Type 2 Diabetes) बड़ों को परेशान कर रहा है, वहीं बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) की समस्या अधिक देखी जा रही है.
International Diabetes Federation (IDF) की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 7.4 करोड़ लोग डायबिटीज (Diabetes) से जूझ रहे हैं. डायबिटीज़ के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर हैं. सबसे डराने वाली बात ये है कि भारत में हर दिन 65 बच्चे या किशोर टाइप 1 डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं.
चलिये जान लेते हैं कि टाइप 1 डायबिटीज़ क्या है और इसके लक्षण क्या हैं?
टाइप 1 डायबिटीज शरीर की ऐसी स्थिति है, जिसमें बच्चे का शरीर इंसुलिन का प्रोडक्शन बंद कर देता है. ऐसे में टाइप 1 डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को हर दिन इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं. हालांकि, आनुवंशिकी और कुछ दूसरे फैक्टर भी टाइप-1 डायबिटीज के खतरे को बढ़ाते हैं.
बहुत अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, तेज़ी से वज़न कम होना टाइप 1 डायबिटीज़ के प्रमुख लक्षण हैं. इसके अलावा जल्दी थक जाना, अधिक भूख लगना, धुंधला दिखना, चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव भी इसके लक्षण है.
देश में बढ़ रहे डायबिटीज़ के मामलों को लेकर ICMR ने गाइडलाइन जारी की है जिसके मुताबिक,
- टाइप 1 डायबिटीज़ के मरीज़ों को न्यूट्रीशियन से भरपूर डायट लेनी चाहिए. इसके लिए डायट में 50-55% कार्बोहाइड्रेड, 10 से अधिक सुक्रोज, 25-35% फैट, 15-20% प्रोटीन को शामिल करें
- उम्र के हिसाब से नमक के सेवन पर कंट्रोल रखना चाहिए, प्रोसेस्ड फूड में नमक बहुत अधिक होता है इसीलिए इसे खाने से परहेज़ करें
- रेग्युलर फिजिकल एक्टिविटी आपके ओवर हेल्थ को सुधारती है. खासकर टाइप 1 डायबिटीज़ के मरीज़ों में एक्सरसाइज़ करने से कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के खतरे को कम करता है.
- अपने इंसुलिन थेरेपी का ख्याल रखें, सीरिंज, पंप या पेन से इंसुलिन लें, लेकिन ध्यान रखें, हाइपोग्लाइसिमिया और लिपोहाइपरट्रॉफी जैसे साइडइफेक्ट्स इंसुलिन थेरेपी के साथ जुड़े है.
- टाइप 1 डायबिटीज़ के मरीजों में ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए ब्लड ग्लूकोज़ को मॉनिटर करना ज़रूरी है. खराब ग्लाइसेमिक कंट्रोल वाले छोटे बच्चों के लिए दिन में 4 से 6 बार ब्लड ग्लूकोज़ को मॉनिटर करें और इसका रिकॉर्ड रखें
वैसे आपको बता दें कि टाइप 1 डायबिटीज से बचाव संभव नहीं है क्योंकि फिलहाल इसकी निश्चित वजह का पता नहीं लगाया जा सका है. हालांकि डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं की बेहतर जीवनशैली और संतुलित भोजन करके हम टाइप 1 डायबिटीज़ से बहुत हद तक बच सकते हैं या उसके प्रभाव को कम कर सकते हैं.