बुज़ुर्ग व्यस्कों में डिप्रेशन इन दिनों बेहद आम है जिसके पीछे मुख्य वजह नींद नहीं आने की बीमारी यानि इनसोमनिया है.
जामा साइकियैट्री में छपी एक स्टडी के मुताबिक, Cognitive बिहेवियरल Behavioural Therapy (CBT-I) अनिद्रा से पीड़ित बुज़ुर्गों में डिप्रेशन को रोकने में मदद कर सकती है.
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रिसर्चर्स के अनुसार, वृद्ध व्यस्कों में इनसोमनिया यानि अनिद्रा डिप्रेशन के खतरे क दोगुना तक बढ़ा देती है. इससे निपटने के लिए CBT-I एक फर्स्टलाइन ट्रीटमेंट है जिसका इस्तेमाल नींद की गोलियों के विकल्प के रूप में किया जा रहा है और इसका उद्देश्य नींद के दौरान सकारात्मक विचारों को लाना है जिससे अच्छी नींद आ सके.
स्टडी के लिए, रिसर्चर्स ने 3 साल के लिए 60 साल और उससे अधिक उम्र के 291 व्यस्कों की जांच की. रिसर्च के दौरान, प्रतिभागियों ने प्रोफेशनल ट्रेनर्स की मदद से 8 हफ्ते के लिए Cognitive Behavioural Therapy (CBT-I) ली.
स्टडी के निष्कर्षों ने सुझाव दिया है कि CBT-I डिप्रेशन के बढ़ने की संभावना को 50 प्रतिशत से अधिक कम कर सकता है.
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