कभी एथलीट के तौर पर तो कभी 16 साल की उम्र से अपने पारिवारिक बिजनेस में अपने पिता का हाथ बंटाने वाली कुंज यादव (Kunj Yadav) आज भले ही तीन बच्चों की मां बन गई हैं, लेकिन उन्होंने खुद को इतना फिट रखा है, इसका क्रेडिट वे योगा को देती हैं. इंटरनेशनल योगा दिवस (International Yoga Day) की पूर्व संध्या पर उन्होंने अपने जीवन में योगा के महत्व पर अपने विचार रखे.
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बीते दिन भी वे दिल्ली के मैत्रेयी कॉलेज में आयोजित योगा शिविर में भाग लेकर लौटीं थीं. शिविर में मानसिक रूप से विशेष बच्चों को कई योगासनों और प्राणायाम का अभ्यास कराया गया और उन्हें उनके फ़ायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. कुंज यादव कहती हैं कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर वे हर साल बहुत सारे योग कार्यक्रम में अवश्य शामिल होती हैं, लेकिन इन बच्चों के साथ योग करने का अनुभव बिल्कुल अलग है.
कुंज कहती हैं कि, “आज हमारा देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. ऐसे में एक ज़िम्मेदार नागरिक, विशेष रूप से एक मां होने के नाते मुझे लगता है कि हमें उन बच्चों पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है जो कुछ विशेष शारीरिक अथवा मानसिक चुनौतियों के कारण समाज की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो पाते हैं या फिर बहुत पीछे छूट जाते हैं. ये भी हमारी सामाजिक ज़िम्मेदारी का हिस्सा है.”
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मेरी नज़र में योग- स्वस्थ तन-मन के साथ एक सुखी, समृद्ध और संतोषजनक जीवन की परिकल्पना को साकार करने का नाम है. इन बच्चों को प्यार औरसम्मान देकर और इनके साथ योग करके मुझे वैसी ही शांति की अनुभूति हुई है जैसी घंटों ध्यान अथवा प्राणायाम करने के बाद होती है.
योगा शिविर का आयोजन ‘स्पेशल ओलम्पिक्स भारत’ संस्था की ओर से राष्ट्रीय स्तर के फ़ुटबॉल कोचिंग कैम्प के समापन सत्र के दौरान किया गया था. इस मौके पर कुंज यादव के अलावा संस्था की चेयरपर्सन एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की पत्नी डा. मल्लिका नड्डा, ललित होटल की सीएमडी ज्योत्सना सूरी, किरण चोपड़ा आदि ने न सिर्फ़ बच्चों की हौसला अफ़जाई की बल्कि उनके साथ योगासन भी किए.
शिविर के दौरान कुंज यादव ने बताया कि स्पेशल ओलिंपिक भारत असल में भारत सरकार के खेल एवं युवा मंत्रालय का एक विशेष प्रयास है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खेलो इंडिया के अंतर्गत दिव्यांगों अथवा शारीरिक एवं मानसिक रूप से विशेष बच्चों के लिए शुरू किया गया है.
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गौरतलब है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ी लिखी कुंज यादव करने के साथ ही वे डिस्कस थ्रो, नेटबॉल की नेशनल प्लेयर भी रह चुकी हैं. वे आज आज चीनी और उससे बनने वाले अलग-अलग प्रोडक्ट्स को बनाने वाली कंपी यदु कॉर्पोरेशन की एमडी हैं. तीन बच्चों की मां होने के बावजूद कुंज यादव ने अपनी हर भूमिका के साथ न्याय किया है. कुंज कहती हैं कि मैंने बहुत कम उम्र में ही वक्त की कीमत पहचान ली थी, इसके साथ ही ये भी तय कर लिया था कि मुझे अपनी जिंदगी में वक्त को बर्बाद नहीं करना है. वे छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित कर यह सुनिश्चित करती हैं कि तय समय में टारगेट हासिल हो सके.