Chikungunya: हेल्थ जर्नल में छपी द लैंसेट में छपी स्टडी के मुताबिक, मच्छरों से होने वाली बीमारी चिकनगुनिया से संक्रमित लोगों में संक्रमण के तीन महीने तक मौत का खतरा बना रहता है. रिसर्च बताती है कि चिकनगुनिया से संक्रमित मरीज में इंफेक्शन के 3 महीने बाद तक हार्ट और किडनी की बीमारी का खतरा रहता है. लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के रिसर्चर्स ने करीब 1 लाख 50 हजार चिकनगुनिया के केस का विश्लेषण कर इस निष्कर्ष को निकाला.
रिसर्चर्स के मुताबिक चिकनगुनिया संक्रमण के बड़े पैमाने पर रिपोर्ट नही होने के बावजूद, 2023 में दुनिया भर में लगभग पांच लाख मामले और 400 से अधिक मौतें दर्ज की गईं. यह आंकड़ा बताता है कि चिकनगुनिया कितनी गंभीर बीमारी है और इसे हल्के में क्यों नहीं लेना चाहिए. एक्सपर्ट्स के मुताबिक चिकनगुनिया वायरस फैलाने वाले मच्छरों के प्रसार को नियंत्रित करने के उपायों पर काम करना ही इस बीमारी के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है
चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होती है. यह वायरस आदमियों में फैलता है जब किसी मच्छर जिसमें यह वायरस हो, काटता है.
बुखार: यह एक प्रमुख लक्षण है जो अचानक और तेजी से आता है.
जोड़ों में दर्द: चिकनगुनिया के रोगी के जोड़ों में बहुत जोरदार दर्द होता है, जिससे चलने या बैठने में परेशानी होती है
खांसी और सांस लेने में तकलीफ: रोगी को सांस लेने में भी तकलीफ होती है और वह खांसते रहते हैं.
सिरदर्द: सिर में भी दर्द होता है और चिकनगुनिया के मरीज़ इसे महसूस करते हैं
पूरी आराम करें: बुखार के साथ आराम करें और अधिक पानी पिएं.
दवा: डॉक्टर के परामर्श से उपयुक्त दवाएं लें।
ठंडे पैक का उपयोग: जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए ठंडे पैक का इस्तेमाल करें
स्वस्थ आहार: प्रोटीन और विटामिन संपन्न आहार लें.
अगर आपको चिकनगुनिया के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उपचार करवाएंइ. इससे बीमारी का सही समय पर इलाज हो सकता है और आपकी सेहत में सुधार हो सकता है
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