लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स यानि GI वाले डायट से दिल के मरीज़ों को वज़न कम करने में मदद मिल सकती है. ये दावा किया है यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी ने.
एसीएनएपी-यूरोहार्टकेयर कांग्रेस-2022 (ACNAP-EuroHeartCare Congress 2022) में पेश की गई स्टडी बताती है कि कम जीआई वाली डायट बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को बैलेंस रखने में मदद करती है. साल 2016 से 2019 तक चली स्टडी में 38 से 76 साल की उम्र के 160 मरीज़ों को शामिल किया गया. स्टडी के दौरान एक ग्रुप को नॉर्मल, जबकि दूसरे ग्रुप को कम जीआई वाली डाइट पर तीन महीने तक रखा गया. इसके बाद दोनों के बीएमआई और फिजिकल स्ट्रक्चर का आंकलन करने पर कम जीआई वाली डायट लेने वाले ग्रुप में सकारात्मक बदलाव दिखा.
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बता दें कि, ग्लाइसेमिक इंडेक्स कार्बोहाइड्रेट वाली खाने की चीजों की रैंकिंग है. ये इंडेक्स 0 से 100 के बीच होता है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स जितना कम होगा, ब्लड शुगर उतना ही कम होगा. कम जीआई वाली डायट देर से पचती हैं, जिसके कारण शुगर का लेवल भी धीरे-धीरे बढ़ता है. कम जीआई वाले चीजों में सेब, सब्जियां जैसे पालक, सेलेरी, खीरा, टमाटर के साथ साथ ब्राउन राइस, मूंगफली और दाल शामिल हैं.
वहीं, अधिक जीआई वाली डायट खून में शुगर की मात्रा को तेजी से बढ़ाती है. इनमें व्हाइट ब्रेड, कॉर्न फ्लेक्स, चावल, आलू और मिठाइयां शामिल हैं
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