हर साल कोरोना अपने नए म्यूटेशन के साथ आ जाता है. ऐसे में वैक्सीन मैन्युफैक्चरर कंपनी मॉडर्ना टू इन वन फ्लू और कोविड वैक्सीन mRNA-1083 बनाई है, जिसने एडवांस ट्रायल पास कर लिया है. यह वैक्सीन इस गंभीर बीमारी से लोगों को बचाने में मदद करेगी. चलिए जानते हैं mRNA-1083 वैक्सीन के बारे में.
इस टू इन वन वैक्सीन के लिए एक टेस्ट किया गया, जिसमें 50 साल से अधिक उम्र के 8,000 पार्टिसिपेंट थे. इनमें आधे लोगों को कंबाइन्ड वैक्सीन और बाकि लोगों को कोविड और फ्लू के अलग-अलग टीके लगाए गए, जिनमें अलग-अलग टीके लेने वाले ग्रुप की तुलना में कॉम्बो वैक्सीन ने इन्फ्लूएंजा के स्ट्रेन के खिलाफ 20 से 40% और कोविड-19 वैरिएंट्स के खिलाफ 30% अधिक एंटीबॉडी प्रोड्यूस किए.
रिसर्च ने बताया कि कंबाइंड वैक्सीन की शेल्फ लाइफ ज्यादा हो सकती है. वहीं, इंफ्लूएंजा कंपोनेंट के लिए mRNA तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. ये वैक्सीन इन्फ्लूएंजा के ज्यादातर स्ट्रेन के खिलाफ काफी कारगर हो सकता है. बता दें कि इन्फ्लूएंजा ए ग्रुप के इन्फ्लूएंजा और इन्फ्लूएंजा बी स्ट्रेन पर इस वैक्सीन का असर देखा गया है. उम्मीद है कि यह वैक्सीन मार्केट में साल 2026 तक मिलेगी.
मॉडर्ना में संक्रामक रोग विभाग के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च के लीड राइटर्स में से एक डॉ. जैकलीन मिलर का कहना है कि अब लोगों को अलग-अलग वैक्सीन लगवानी नहीं पड़ेगी. यह वैक्सीन इंफेक्शन के खिलाफ ज्यादा प्रभावी ढंग से काम करती है.
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