Mumps in Delhi: पिछले कुछ महीनों में मंप्स यानि गलसुआ के केस केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बाद अब दिल्ली-एनसीआर में भी सामने आने लगे हैं. सरकारी डेटा के अनुसार इस साल मार्च तक मंप्स के 15,637 केस आ चुके हैं. ऐसे में जानते हैं क्या है मंप्स और इसके लक्षण और बचाव क्या हो सकते हैं.
मंप्स वायरल संक्रमण है जो पैरामाइक्सोवायरस वायरस (paramyxovirus virus) के कारण होता है. यह मुख्य रूप से लार ग्रंथियों (salivary glands) को प्रभावित करता है जिसे पैरोटिड ग्रंथियां भी कहा जाता है. इस इंफेक्शन की वजह से व्यक्ति के कान के नीचे मौजूद पैरोटिड ग्रंथियों में सूजन आ सकती है. जिसकी वजह से गाल फूल जाते हैं और जबड़ा सूजा हुआ लगता है.
मंप्स के कुछ सामान्य लक्षण हैं जैसे बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, भूख न लगना और लार ग्रंथियों की सूजन आना.
मंप्स काफी संक्रामक है और जब इनफेक्टिड व्यक्ति खांसता, छींकता है तो ये बीमारी आस-पास के लोगों को भी हो सकती है.
मंप्स का कोई खास ट्रीटमेंट नहीं है. डॉक्टर मरीजों को आराम करने और पर्याप्त पानी पीने की सलाह देते हैं और अगर दर्द बढ़ जाता है, तो मरीजों को दर्द से राहत के लिए दवाएं दी जाती हैं.
आप कुछ देसी नुस्खे भी आज़मा सकते हैं और सूजी हुई ग्रंथियों पर ठंडा या गर्म सेक कर सकते हैं.
इसके अलावा इन्फेक्शन दूसरों को ना हो इसलिए इस दौरान घर पर ही रहें और हमेशा मास्क पहनें. खांसने या छींकने के बाद अपने हाथों को साफ करें.
मंप्स या गलसुआ से बचाने के लिए बच्चों को MMR VACCINE लगाई जाती है. इसमें बच्चों को आमतौर पर 2 डोज़ मिलती हैं, पहली 12-15 महीने की उम्र में और दूसरी 4-6 साल की उम्र में.
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