हाल ही, में एक रिसर्च से पता चला है कि नेस्ले कंपनी भारत सहित एशियाई देशों में बिकने वाले सेरेलैक जैसे बेबी प्रोडक्ट्स में एक्सट्रा शुगर मिलाती है. स्विस इनवेस्टिगेटिव आर्गेनाईजेशन, पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) ने बेल्जियम की लैबोरेटरी में एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बेचे जाने वाले नेस्ले के बेबी प्रोडक्ट्स का टेस्ट किया. रिसर्चर्स ने पाया कि निडो और सेरेलैक में सुक्रोज या शहद के रूप में चीनी मिलाई गई है.
चीनी छोटे बच्चों के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है. चलिए जानते हैं छोटे बच्चों को चीनी से कैसे दूर रखें.
छोटे बच्चे को छह महीने तक ब्रेस्टफीड करवाएं. मां के दूध में एक्सट्रा शुगर के बिना जरूरी पोषक तत्व होते हैं. ये पोषक तत्व बच्चे को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है.
शुगरी ड्रिंक्स के बजाय बच्चे को पानी या दूध पिलाएं. उन्हें सोडा, फ्लेवर्ड मिल्क, कूल एड ड्रिंक, शुगरी जूस, स्पोर्ट्स ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक और चाय से दूर रखें. ये सभी चीजें बच्चे के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है.
कुछ पैक्ड प्रोडक्ट्स में 'स्वीटेंड' लिखा होता है, जैसे स्वीटेंड एप्पल सॉस या स्वीटेंड पीचेज़. इस बात का ध्यान रखें कि जिन प्रोडक्ट्स में हमें लगता है कि इसमें चीनी नहीं होगी, वह प्रोडक्ट्स भी शुगरी होते हैं, जैसे दही. एडेड शुगर को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे हाई-फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, फ्रूट जूस कंसंट्रेट्स, केन शुगर, कॉर्न स्वीटनर, लैक्टोज, ग्लूकोज, सुक्रोज और मेपल सिरप.
क्या आपका बच्चा हरी सब्जियों से नफरत करता है और अक्सर उसे उलट देता है? ऐसे में अपने बच्चे को हेल्दी डाइट दें. बच्चे को रंग-बिरंगा खाना खिलाएं. इससे बच्चे खाने के लिए अट्रैक्ट होते हैं.
बच्चों को कड़वी चीज़ें बार-बार खिलाएं, जैसे सब्जियां. अगर आप चाहते हैं कि छोटे बच्चे चीजें पसंद आए. इसके लिए आपको उन्हें एक ही चीज़ कम से कम 30 बार खिलानी पड़ेगी.
डब्ल्यूएचओ शिशुओं और छोटे बच्चों सहित सभी आयु के लिए एडेड शुगर से बनी चीजों को कम से कम खाने की सलाह देता है. साल 2019 में, WHO ने विशेष रूप से बेबी प्रोडक्ट्स में एडेड शुगर को लक्षित करने के लिए गाइडलाइंस जारी किए.
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