बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों का कमज़ोर होना आम है. उम्र के साथ हड्डियों के फ्रैक्चर होने का ख़तरा बढ़ जाता है जिसे ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं. हमारी बॉडी में बोन का रिजनरेट होना एक कॉन्स्टेंट प्रॉसेस है लेकिन जब हड्डियां रिजनरेट की जगह डीजनरेट होने लगें तो बोन मास पर असर पड़ता है. बोन मास के घटते ही हड्डियों पर किसी भी तरह का स्ट्रेस फ्रैक्चर का रूप ले लेता है.
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नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन के अनुसार यूएस में लगभग 91 लाख महिलाओं और इसकी तुलना में सिर्फ 28 लाख पुरुषों को ओस्टियोपोरोसिस है. स्टडी के अनुसार महिलाओं को बोन से जुड़ी समस्याएं ज़्यादा होती हैं.
अगर महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से खुद को बचाना चाहती हैं तो वे अपने लाइफ़स्टाइल में कुछ ख़ास बदलाव कर सकती हैं
डेली एक्सरसाइज़ करें
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बिहेवियरल न्युट्रीशन एंड फिज़िकल एक्टिविटी के अनुसार फिज़िकल एक्सरसाइज़ से हड्डियां ना सिर्फ मज़बूत होती हैं बल्कि बोन लॉस का प्रोसेस भी कम होता है. इसलिए अपनी डेली रूटीन में जॉगिंग, रनिंग और स्टेयर रनिंग को शामिल करें.
विटामिन डी की मात्रा बढ़ाएं
विटामिन डी से शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद मिलती है. शरीर में विटामिन डी की कमी बोन डेंसिटी को कम करती है और बोन लॉस के ख़तरे को भी बढ़ाती है. बायोमॉलिक्युलर जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक 19% सब्जेक्ट जिनमें विटामिन डी की कमी पाई गई उन्हें ओस्टियोपोरोसिस था.
कैल्शियम से भरपूर डायट लें
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी के अनुसार महिलाओं में मेनोपॉज़ के बाद बोन से जुड़ी बीमारियां बढ़ने लगती है इसलिए उन्हें रोज़ाना अपनी डायट में 1500 से 2500 मिली ग्राम कैल्शियम शामिल करना चाहिए. एक कैल्शियम से भरपूर डायट बोन डेंसिटी को मेनटेन करने में मदद करती है. अपनी डायट में कैल्शियम बढ़ाने वाले प्रोडक्ट जैसे मछली, बादाम, ब्रोकली और टोफू को ज़रूर शामिल करें.
एल्कोहल को कहें ना
एल्कोहल शरीर की कैल्शियम अवशोषित करने की क्षमता को कम करता है जिससे बोन डेंसिटी कम होती है. जर्नल ड्रग एंड एल्कोहल डिपेंडेन्सी की एक स्टडी के अनुसार जो भी लोग कम से कम आधा या एक ड्रिंक रोज़ाना लेते हैं उनमें ओस्टियोपोरोसिस का ख़तरा 1.98 गुना बढ़ जाता है.
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नमक की मात्रा को कम करें
ज़्यादातर महिलाओं को मेनोपॉज़ के बाद प्रोसेस्ड फू़ड और ज़्यादा नमक वाला खाना कम लेना चाहिए. बोन हेल्थ एंड ओस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन के अनुसार ज़्यादा नमक यानि (सोडियम) वाले फ़ूड से आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है और हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है.
ज्यादा कैफ़ीन न लें
जर्नल ऑफ ऑर्थोपेडिक सर्जरी एंड रिसर्च की एक स्टडी के अनुसार ज़्यादा कैफ़ीन बोन मिनरल डेंसिटी को कम कर हिप बोन फ्रैक्चर को बढ़ता है. साथ ही कैल्शियम के अवशोषण को कम करता है.
लाइफ़स्टाइल में बदलाव के अलावा 30 साल के बाद महिलाओं को अपनी हेल्थ को पूरी तरह मॉनीटर करना चाहिए. अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में पहले से ही वीक बोन्स हैं. तो आपको साल में दो बार अपनी बोन्स का चेक अप करवाना चाहिए. एक्सपर्ट्स की मानें तो, बढ़ती उम्र के साथ हॉर्मोन्स में बदलाव, प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग भी हड्डियों को प्रभावित करती है.