Risk of Hearing Loss: ईयरबड्स, इयरफोन (ear buds and ear phones) ऐसी चीज़ है जिसके बिना लोग घर से बाहर नहीं निकलते. नॉयज़ कैंसलिंग ईयरपॉड्स से लेकर फैंसी हेडफोन (head phone) तक, आजकल के युवाओं के बिना ये सब आपको मिल जाएंगे. चाहे वो घर पर हों या बाहर हो. वो कान में हमेशा उसे प्लग इन करके ही निकलते हैं. लेकिन हर वक्त कानों में रहने वाले ईयरफोन और बड्स आपकी कानों पर बुरा असर डाल सकते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में 430 मिलियन यानि 43 करोड़ से अधिक लोग बहरेपन की समस्या का सामना कर रहे हैं और हाल ही में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि स्मार्टफोन, हेडफ़ोन और ईयरबड्स जैसे पर्सनल म्यूज़िक गैजेट्स इस्तेमाल करने वाले 1 अरब से अधिक लोग अपने सुनने की शक्ति खोने वाले हैं. इस स्टडी के निष्कर्ष को बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नल में छापा गया था, जहां टीम ने पाया कि 12 साल से 34 साल के लगभग 24 प्रतिशत लोग तेज़ संगीत सुनते हैं
पहले की गई स्टडीज़ के उनके विश्लेषण से ये भी पता चला है कि 23% व्यस्क और 27% नाबालिग नियमित रूप से बहुत अधिक शोर के संपर्क में आते हैं. इसीलिए, हियरिंग लॉस को लेकर जागरुक करने और इसके रोकने के लिए रिसर्चर्स ने दुनियाभर में सुनने की सुरक्षित आदतों के लिए पॉलिसी को लागू करने का आग्रह किया है.