रॉक क्लाइंबिंग बेहद ही खतरनाक और एक्साइटिंग एडवेंचर स्पोर्ट (Adveture sports) है. इसमें एक खिलाड़ी को एक पत्थरों से भरी दीवार के टॉप या किसी सख्त पहाड़ी की चोटी (Rock climbing as sport) पर पहुंचना होता है. अपनी ऑवरओल हेल्थ के लिए आप इस स्पोर्ट को ट्राई कर सकते हैं. Tokyo 2020 में इस स्पोर्ट को ऑलंपिक (olympic rock climbing) में भी शामिल कर लिया गया. आइए जानते हैं इस शानदार खेल के मेंटल और फिज़िकल बेनिफिट्स-
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कार्डियोरैस्पिरेटरी फिटनेस बढ़ाता है (cardiorespiratory fitness)
किसी भी पहाड़ पर या चट्टान पर चढ़ने के लिए हमें अपनी बॉडी को लिफ्ट करना होता है. इसमें हार्ट रेट 150 तक पहुंच जाता है. ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के अनुसार इनडॉर जिम 8 से 11 मिनट प्रति मील रॉक क्लाइंबिंग सेहत के लिए फायदेमंद है.
मसल स्ट्रेंथ बढ़ती है (Muscle strength)
रॉक क्लाइंबिंग से अपर बॉडी स्ट्रेंथ और बाइसेप ट्राइसेप और फुल बॉडी वर्कआउट हो जाता है. रेगुलर रॉक क्लाइबिंग करने वालों की बॉडी हमेशा फिट रहती है.
मेमोरी और प्रॉबल्म सॉल्विंग स्किल्स बेहतर होती हैं (Memory and problem solving)
रॉक क्लाइंबिग के दौरान एक खिलाड़ी को अपना रूट याद रखना होता है. इसके साथ ही कब रूट बदलना है कब फ्लाई करना है कौन लीड में रहेगा ये सब फैसले भी लेने होते हैं. युनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ फ्लोरिडा के अनुसार क्लाइंबिग की वजह से 50 प्रतिशत तक वर्किंग मेमोरी कैपेसिटी बढ़ती है.
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डिप्रेशन से राहत दिलाता है (Cure from depression)
जर्मनी के रिसर्चर्स के अनुसार ये डिप्रेशन से जूझ रहे एडल्ट्स के लिए एक साइकोछेरेपी का काम करती है. आउटडोर रॉक क्लवाइंबिग एक नैचुरल एंटीडिप्रेसेंट की तरह काम करती है.
अगर आप भी रॉक क्लाइंबिंग में इटरेस्ट रखते हैं तो बता दें कि इस स्पोर्ट की स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जाती है. मनाली और उत्तराखंड में स्थित माउंटेनियरिंग इंस्टीट्युट में जाकर आप रॉक क्लाइंबिंग सीख सकते हैं.