हर कोई अपनी खूबसूरती को हमेशा बरकरार रखना चाहता है. कोई इसके लिए महंगा ट्रीटमेंट तो कोई प्लास्टिक सर्जरी का सहारा लेता है. लेकिन रिज़ल्ट टेंपररी और साइड इफेक्ट्स से भरे होते हैं. लोगों को जवान रहने की इसी ख्वाहिश को पूरा करते हुए ब्रिटिश साइंटिस्ट ने एक एक्सपेरिमेंट किया जिसके रिज़ल्ट बेहद चौंकाने वाले रहे.
ये एक्सपेरिमेंट चूहों पर किया गया. साइंटिस्ट की टीम ने जवान चूहों फीकल माइक्रोब्स बूढ़े चूहों में ट्रांसप्लांट कर दिए जिससे बूढ़े चूहों की आंत, आंखें और दिमाग एकदम जवान चूहों की तर काम करने लगे.
माइक्रोबायोम में पब्लिश हुई इस रिसर्च में साइंटिस्ट ने बताया कि यंग चूहों के मल का ट्रांसप्लांट करते ही बूढ़े चूंहों की बॉडी में ज़रूरी माइक्रोब्स सप्लाई हुए. लेकिन जैसे ही जवान चूहों में बूढ़े चूहे के माइक्रोब्स ट्रांसफर किए गए चूहों में बुढ़ापे के लक्षण दिखाई देने लगे. चूहे के दिमाग और रेटिना में सूजन आ गई और आंखें कमज़ोर हो गई.
इस एक्सपेरिमेंट से ये साबित होता है कि आंतों का माइक्रोबायोटा इंसान की बॉडी का ज़रूरी हिस्सा हैं. जो उ्हें तंदरुस्त रखने में मदद करता है. फिलहाल इस एक्सपेरिमेंट को इसानों की सेहत सो जोड़कर देखा जा रहा है. देखना ये है कि क्या इतने ही बेहतरीन नतीजे इंसानों में भी मिलेंगे.