रिपोर्ट्स के मुताबिक सिद्धू मूसेवाला की मां प्रेग्नेंट है. वह आईवीएफ के जरिए मां बनेंगी. क्या आप जानते हैं कि आईवीएफ क्या है और इस ट्रीटमेंट में क्या होता है?
क्या होता है आईवीएफ ट्रीटमेंट?
आईवीएफ में वुमेन एग्स और स्पर्म को बॉडी के बाहर लैबोरेटरी डिश में फर्टिलाइज किया जाता है. इसके बाद फर्टिलाइज एग्स को वोंब में डाला जाता है, ताकि एग्स यूटेराइन लाइनिंग में चिपक सके और ग्रो कर सकें. इस प्रोसीजर से जन्में बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहा जाता है.
इंफर्टिलिटी के सामान्य कारण
- फैलोपियन ट्यूब में रुकावट, ओव्यूलेटरी डिसफंक्शन, एंडोमेट्रियोसिस आदि जैसे मेडिकल कंडीशन की वजह से इंफर्टिलिटी हो सकती है.
- पुरुषों में स्पर्म की खराब स्पर्म की क्वांटिटी और क्वालिटी भी इंफर्टिलिटी का कारण बन सकता है.
- लाइफस्टाइल से जुड़ी प्रॉब्लम्स जैसे शादी की उम्र, लेट प्रेग्नेंसी, स्ट्रेस, अल्कोहल और टैबोको के साथ-साथ अनहेल्दी डाइट भी इंफर्टिलिटी की समस्या बन सकता है.
इन बातों का रखें ध्यान
- आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान आपको डॉक्टर द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन फॉलो करने चाहिए. किसी भी तरह की लापरवाही के कारण बड़ा जोखिम उठाना पड़ सकता है.
- अपनी डाइट का ध्यान रखें. बैलेंस डाइट लें. साथ ही, पर्याप्त नींद लें. कम से कम 8 घंटा जरूर सोएं, ताकि आपकी बॉडी को रिलैक्स मिल सके.
- इस प्रोसीजर के दौरान स्ट्रेस हो सकता है. इसलिए मेडिटेशन, योगा और एक्सरसाइज करें.
- स्मोकिंग और अल्कोहल से दूर रहें. ये चीजें फर्टिलिटी पर असर डाल सकती हैं.
- आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान कुछ सप्लीमेंट फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन कोई भी नए सप्लीमेंट या हर्बल ट्रीटमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
- आईवीएफ ट्रीटमेंट इमोशनली दिकक्त दे सकता है. इमोशन्स से डील करने के लिए फर्टिलिटी के एक्सपर्ट्स, थेरेपिस्ट और काउंसलर से बात करें.
- इस प्रोसीजर में कैफीन का सेवन कम करें. जरूरत से ज्यादा कैफीन इनटेक के कारण फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है.
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