Heart Attack: हाल के दिनों में युवा और मध्यम आयु वर्ग के स्वस्थ भारतीयों में दिल का दौरा और स्ट्रोक आने के मामले तेज़ी से बढ़ते दिखाई दिए हैं जो चिंता का कारण बन रहे हैं.
हाल ही में, लोकलसर्किल्स के एक सर्वे में पाया गया कि एक साल के अंदर बीमारियों का प्रतिशत 31% से बढ़कर 51% हो गया है.
यह भी देखें: Heart Attack: सर्दी के मौसम में रखें दिल का ज़्यादा ख़्याल, 30 गुना बढ़ जाता है हार्ट अटैक आने का ख़तरा
स्टडी में ये भी पाया गया कि लोगों के करीबी नेटवर्क के 61% लोग जो गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं, वह एक बार या उससे ज़्यादा बार कोरोनो वायरस से संक्रमित हुए थे, जबकि 28% ने कहा कि उनके कॉन्टेक्ट में स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने वालों को कोविड नहीं हुआ था. इस सर्वे में भारत के 357 ज़िलों के 32,000 लोगों ने भाग लिया था.
बेंगलुरु में स्थित नारायण हेल्थ के मुताबिक अलग-अलग स्टडी में स्ट्रोक को कोविड-19 के लक्षण के रूप में देखा गया है, जिसमें सामने आया कि कोविड-19 के 0.9% से 23% मरीज़ों को स्ट्रोक आया.
यह भी देखें: Benefits of walking : हार्ट अटैक को दूर रखने के लिए रोज़ केवल 21 मिनट चलना है ज़रूरी, जानिये क्या कहती है