WHO on Air Pollution: दुनिया भर में बढ़ रही प्रदूषण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है. WHO ने दावा किया है कि दुनिया में लगभग हर व्यक्ति बेहद ही खराब क्वालिटी वाली हवा में सांस ले रहा है.
डब्ल्यूएचओ स्टडी के लिए दुनिया भर के 6000 से अधिक शहरों और 117 देशों में एयर क्वालिटी की जानकारी का आंकलन किया. इसके दायरे में दुनिया का लगभग 80 फीसदी शहरी इलाका आता है. संगठन के मुताबिक, दुनिया के हर कोने में लोग वायु प्रदूषण का सामना कर रहे हैं लेकिन गरीब देशों में स्थिति कहीं अधिक गंभीर है. जो पूरी दुनिया के लिए गंभीर समस्या है
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WHO के इस ताज़ा आंकड़ों के लिए पहली बार नाइट्रोजन डाइआक्साइड को भी शामिल किया गया है. इससे पहले डाटाबेस में पारंपरिक रूप से PM (पार्टिकुलैट मैटर) 2.5 और PM 10 को शामिल किया जाता रहा है. डाटाबेस का पिछला एडिशन साल 2018 में जारी किया गया था. बता दें कि, नाइट्रोजन डाइआक्साइड मुख्य रूप से गाड़ियों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं जैसे मानव निर्मित ईंधन से पैदा होता है और ये अस्थमा और फेफड़ों से जुड़ी दूसरी बीमारियों के लिए ज़िम्मेदार है.
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स्टडी के निष्कर्ष को देखते हुए WHO ने जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने की ओर काम करने, वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने अपील की है जिससे प्रदूषण बढ़ता है और सांस और ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी परेशानियां सामने आती है. इसके साथ ही संगठन ने वायु प्रदूषण को कम करने को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने की अपील भी की है.
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