टीवी, फिल्मों और दुकानों (Tobacco warnings on T.V., Cinema) पर हर जगह आपने धूम्रपान पड़ेगा महंगा या धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक (Tobacco causes cancer) से संबंधित कई तरह के ऐड कैंपेन देखे होंगे. धूम्रपान से कर्क रोग होता है ये जानने के बाद भी तंबाकू लोगों की रोज़मर्रा की ज़रूरत बन गया है. जितना तंबाकू आदमी की सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है उससे कहीं ज़्यादा उसकी प्रोडक्शन से लेकर डिस्ट्रीब्युशन तक एन्वायरमेंट (Environment protection) को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
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एन्वायरमेंट प्रोटेक्शन को ध्य़ान में रखते हुए इस साल WHO ने World No Tobacco Day पर 'तंबाकू पर्यावरण के लिए ख़तरा' कैंपेन अनाउंस किया है. इसका लक्ष्य है कि tobacco इंडस्ट्री एन्वायरमेंट को जो नुकसान पहुंचा रही है उसे कम करना.
हर साल 35 लाख हैक्टेयर धरती तंबाकू उगाने के लिए जंगल, पेड़ साफ कर दिए जाते हैं. तंबाकू इंडस्ट्री लगभग 84 मेगाटन तक कार्बन डाइऑक्साइड प्रोड्यूस करती है. तंबाकू की 90 प्रतिशत पैदावार डेवलपिंग देशों में की जा रही है. लो और मिडल इनकम वाले देश में ज़्यादातर किसान और सरकारें इसे कैश क्रॉप के रूप में देखती हैं. उनका मानना है कि इससे देश की इकोनॉमी बढ़ती है. इन शॉर्ट टर्म कैश बेनिफिट्स के चक्कर में अक्सर लॉन्ग टर्म एन्वायरमेंट डैमेज़ को इग्नोर कर दिया जाता है.
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WHO के अनुसार तंबाकू का कम से कम इस्तेमाल सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को अचीव करने में मदद कर सकता है.