दुनिया भर में मई महीने के पहले मंगलवार को वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है. इस साल 7 मई को वर्ल्ड अस्थमा डे है. इस दिन की शुरूआत 1993 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के पार्टनर ऑर्गेनाइजेशन, ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा ने की थी. चलिए जानते हैं अस्थमा के लक्षण से लेकर बचाव के तरीके.
स्मोकिंग के कारण कई गंभीर बीमारियां होती हैं. स्मोकिंग के कारण फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है. इसके कारण अस्थमा की बीमारी हो सकती है. इसके अलावा, पॉल्यूशन, डस्ट माइट और जानवरों के बाल और स्किन भी इस बीमारी का कारण है. गाजर घास और अंग्रेज़ी बबूल जैसे फूल के कारण भी एलर्जी होने लगती है.
अस्थमा के ट्रिगर्स हवा में पाए जाते हैं, जो सांस की नलियों में जाकर उसे सिकोड़ देते हैं, जिसके कारण सांस लेने में परेशानी होने लगती है.
स्मोकिंग के कारण न केवल फेफड़े खराब हो जाते हैं बल्कि अस्थमा की बीमारी भी हो सकती है. इसलिए अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो यह आदत छोड़ दें.
हेल्दी बॉडी के लिए सही फिटनेस जरूरी है. फिट रहने के लिए योगा और एक्सरसाइज करें. रोजाना वॉक पर जाएं. दिन में कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज करें. लाइट एक्सरसाइज से शुरुआत करें.
बीमारी का संबंध खानपान से भी होता है. इसलिए अपनी डाइट पर खास ध्यान दें. ऑयली और फास्ट फूड्स न खाएं. इसके बजाय, हेल्दी ऑप्शन चुनें. भरपूर मात्रा में पानी पीएं, ताकि बॉडी हाइड्रेटेड रहे.
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