World Autism Day 2022: ऑटिज़्म (Autism) बच्चों के दिमागी विकास से जुड़ा एक डिसॉर्डर (neuro disorder) है. एक्सपर्ट्स के अनुसार दुनिया में 160 में से एक बच्चे में ऑटिज़्म के लक्षण देखने को मिलते हैं. खासकर भारत में 10 मिलियन से अधिक बच्चे इससे प्रभावित है. रिसर्च के मुताबिक, ऑटिज़्म की बीमारी को ठीक करने में खान-पान (diet) भी अहम भूमिका निभाती है. आइये जानते हैं कि उन खाने की चीज़ों के बारे में जो ऑटिज़्म से पीड़ित बच्चों (Autistic child) के डायट में शामिल करना चाहिए.
ग्लूटन फ्री चीज़ें खिलाएं
ऑटिज़्म से पीड़ित बच्चे ग्लूटेन (Gluten) और डेयरी प्रोडक्ट्स (Dairy products) को ठीक से पचा नहीं पाते हैं. दरअसल इन बच्चों का माइक्रोबायोम (microbiom) ठीक नहीं होता है जिसकी वजह से पाचन तंत्र ठीक नहीं रहता है इसीलिए उन्हें ग्लूटन फ्री प्रोडक्ट खाने में देना चाहिए. गेहूं, जौ और राई जैसी चीजों में ग्लूटेन की मात्रा बहुत अधिक होती है. इसके अलावा दूध और डेयरी प्रोडक्टस भी सीमित मात्रा में ऑटिज्म पीड़ित बच्चों को देना चाहिए
डायट में विटामिन C और ज़िंक को शामिल करें
माता-पिता को इस बात का ध्यान देना चाहिए कि उनका बच्चा विटामिन सी और ज़िंक वाले प्रोडक्ट्स अधिक से अधिक खाए. विटामिन सी और ज़िंक से बच्चे का पाचन तंत्र ठीक रहता है और आंत की समस्याएं भी ठीक होती हैं. विटामिन सी के लिए संतरा, कीवी, अनानास, अंगूर, टमाटर, पपीता, ब्रोकली और स्ट्राबेरी को आप शामिल कर सकते हैं. तो वहीं ज़िंक के लिए फलियां, अंडे, साबुत अनाज और दाल को डायट में शामिल कीजिए
ओमेगा-3 फैटी एसिड वाली चीज़ें खिलाएं
कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन ऑटिज़्म की बीमारी को ठीक करने में मददगार साबित हो सकता है. ओमेगा-3 फैटी एसिड के सेवन से न्यूरो से जुड़ी नसों की मरम्मत होती है. ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए डाइट में अखरोट, शिया सीड्स, सोया और मछली के तेल को शामिल आप शामिल कर सकते हैं.
प्रोबायोटिक का इस्तेमाल करें
ऑटिज़्म के शिकार बच्चों में डाइजेशन की परेशानी रहती है. डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक से काम करे इसके लिए इसके लिए दही और पनीर जैसे प्रोबायोटिक का इस्तेमाल हर रोज़ करना चाहिए.
हाई शुगर वाली चीज़ें ना खिलाएं
शुगर वाले फूड प्रोडक्ट्स ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते हैं जो बच्चे के ऊपर नेगेटिव प्रभाव डालते हैं. ऑटिज़्म वाले बच्चों को लो शुगर वाले फूड प्रोडक्ट्स खाने को दें. ऑटिज़्म से पीड़ित बच्चों को हमेशा निगरानी में रखें कि वो अधिक शुगर वाले प्रोडक्ट्स ना खाएं.