World No Tobacco Day 2023: 'धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और कैंसर का कारण बनता है'. इस चेतावनी को आपने टीवी पर या मूवि थिएटर में फिल्म शुरू होने से पहले ज़रूर देखा होगा. इसके बावजूद लोग धूम्रपान करते हैं, तम्बाकू चबाते हैं या पान मसाला खाते हैं और आसपास के जगह को पल्यूट करते हैं.
तंबाकू न केवल हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है. तंबाकू के प्रोडक्शन और डिस्ट्रिब्यूशन का पर्यावरण पर लंबे समय तक के लिए असर पड़ता है.
एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन के गोल को ध्यान में रखते हुए वर्ल्ड नो टोबैको डे (World No Tobacco Day) 2023 की थीम We Need Food, Not Tobacco है.
WHO के अनुसार, पर्यावरण पर तंबाकू इंडस्ट्री का बुरा असर पड़ता है और ये धरती पर भी दबाव डालता है.
तंबाकू उगाने के लिए हर साल 1,38,00,000 बिघा (35 लाख हेक्टेयर) ज़मीन को साफ कर दिया जाता है. तंबाकू इंडस्ट्री लगभग 84 मेगाटन तक कार्बन डाइऑक्साइड प्रोड्यूस करती है. तंबाकू की 90 प्रतिशत पैदावार भारत जैसी डेवलपिंग देशों में की जा रही है. लो और मिडल इनकम वाले देश में ज़्यादातर किसान और सरकारें इसे कैश क्रॉप के रूप में देखती हैं और इसे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने का भी एक तरीका माना जाता है.
WHO के अनुसार तंबाकू का कम से कम इस्तेमाल सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को अचीव करने में मदद कर सकता है.
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