होली के रंग में रंगने के लिए तैयारियां शुरू कर दीजिए. इस बार ठंडाई से लेकर गुझिया (Holi Food), हर घर, गली और हर मोहल्ले की रौनक देखने लायक होगी. मथुरा और वृंदावन में इस दिन अलग ही धूम देखने को मिलती है. (Holi Trip) फैमिली के लिए ये दिन जितना ख़ास है उससे कहीं ज़्यादा बच्चे इस दिन के लिए एक्साइटेड रहते हैं. ये एक त्योहार न होकर लोगों की आस्था का भी पर्व है.
होली की शुरुआत होती है होलिका दहन से और इस बार होलिका दहन 17 मार्च को है. होली से 8 दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत होती है. इस दिन किसी भी तरह के शुभ काम करने की मनाही है.
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होलिका दहन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानि इस महीने की 17 तारीख को है. वहीं उससे अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा को यानि 18 मार्च को होली मनाई जाएगी.
इस बार होलिका दहन के लिए करीब 1 घंटा 10 मिनट का ही समय मिलेगा. होलिका दहन का मुहूर्त 17 मार्च को रात 9 बजकर 20 मिनट से लेकर देर रात 10 बजकर 31 मिनट तक ही रहेगा.
होली से 8 दिन पहले होलाष्टक होती है. इस साल होलाष्टक 10 मार्च से शुरू हो रहे हैं. 10 मार्च को सुबह 2 बजकर 56 मिनट से ये शुरू होगा और होलिका दहन के साथ यानि 17 मार्च को इसका अंत होगा. होलाष्टक के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है, इस समय को शुभ नहीं माना जाता है.