International Women's Day 2022: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) महिलाओं के संघर्ष और आंदोलनों का प्रतीक है. यह दिन लैंगिक समानता (Gender Equality) को बढ़ावा देने के लिए भी मनाया जाता है. ये दिन है महिलाओं के संघर्ष और उपलब्धियों को पहचानने का.
“अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” की शुरुआत 1908 में अमरीका में एक महिला मज़दूर आंदोलन से हुई थी. इस आंदोलन में लगभग 15 हज़ार महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर आंदोलन किया था. इनकी मांग थी कि काम करने के घंटों को कम किया जाए, अच्छी तनख़्वाह दी जाए और महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिले.
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“अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” इसलिए मनाया जाता है ताकि महिलाओं और पुरुषों में समानता के लिए सभी जागरूक हों. साथ ही महिलाएं भी अपने अधिकारों के लिए जागरूक बनें. दुनिया में आज भी कई ऐसे देश हैं जहां महिलाओं को समान अधिकार नहीं दिए गए हैं. इन्हीं बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए इस साल इंटरनेशनल वुमेन डे की थीम "लैंगिक समानता एक स्थायी कल के लिए" रखी गई है.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को बैंगनी, हरे और सफेद रंगों से पहचाना जा सकता है. बैंगनी न्याय और गरिमा का रंग है. हरा रंग आशा को दर्शाता है और सफेद शुद्धता को. भारत में इस दिन महिला आधारित कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है. नारी शक्ति पुरस्कार भी इस दिन दिया जाता है. इस पुरस्कार को महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा दिया जाता है. यह पुरस्कार ऐसे व्यक्तियों, समूहों, गैर सरकारी संगठनों या संस्थानों को दिया जाता है जिन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है.
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