Krishna Janamashtami 2022 : श्रीकृष्ण का नाम लेते ही आंखों के सामने कान्हा की बांसुरी और मोर मुकुट वाली छवि आ जाती है. इनके बिना लड्डू गोपाल का स्वरूप अधूरा लगता है. शास्त्रों के अनुसार विष्णुजी के दस अवतारों में से सिर्फ कृष्ण ने ही मोर मुकुट धारण किया है. लेकिन कृष्ण मुकुट पर मोर पंख क्यों धारण करते हैं.
यूं तो कृष्ण के मोरपंख से लगाव के पीछे ग्रंथों में कई पौराणिक कथाएं पढ़ने और सुनने को मिलती हैं, लेकिन एक कथा राधा रानी से प्रेम से जुड़ी है. चलिये बताते हैं
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पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, कान्हा के पास मोरपंख होना राधा से उनके प्रेम की निशानी है. कहते हैं कि जब राधा रानी कृष्ण की बांसुरी की धुन पर नृत्य किया करती थीं तब उनके महल में मोर भी उनके साथ नाच उठते थे. एक बार, नृत्य के दौरान एक मोर का पंख नीचे गिर गया, तब श्रीकृष्ण ने इसे अपने माथे पर सजा लिया. ये भी कहा जाता है कि बचपन से ही माता यशोदा भगवान कृष्ण के सिर में मोर पंख को सजाती थी.
वहीं ज्योतिष विद्वान मानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण मोर पंख इसलिए धारण करते थे क्योंकि उनके कुंडली में कालसर्प दोष था. मोर पंख लगाने से हर तरह का दोष दूर हो जाता है