National Forest Martyrs Day 2023: हमारी प्रकृति अनमोल है, और वनों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है. वनों से न हमें ठंडक मिलती है, ये बल्कि जीवन को संतुलित रखने के लिए भी काफी ज़रूरी है. हमारे वन कर्मचारी, जो दिन-रात कठिनाइयों का सामना करते हैं, और उनकी रक्षा करने के चलते अपनी जान गंवा देते हैं, उन्हें वन शहीद कहा जाता है. राष्ट्रीय वन शहीद दिवस, इन वन शहीदों को समर्पित है जो अपने जीवन की आहुति देकर हमारे वनों की रक्षा करने का काम करते हैं.
देश में हर साल 11 सितंबर को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस (National Forest Martyrs Day) मनाया जाता है. ये दिन उन कर्मचारियों को याद करने और सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने भारत में वन्यजीवों, जंगलों और जंगलों की रक्षा के लिए अपनी जान गंवा दी.
दरअसल 11 सितंबर 1730 में देश में पेड़ों को काटने से बचाने के लिए खेजड़ली नरसंहार हुआ था. जिसके बाद 2013 से 11 सितंबर को ये दिन मनाने का फैसला भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने द्वारा किया गया. इस दिन देश भर में वन क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें वन कर्मचारियों के योगदान को सार्थकता दी जाती है.
1 सितंबर 1730 को, भारत में एक ऐतिहासिक घटना घटी, जिसे खेजड़ली नरसंहार कहा जाता है. इस दिन, जोधपुर किले के निर्माण के दौरान चूने के पत्थरों की आवश्यकता थी और लकड़ी की आवश्यकता थी, तो दीवान गिरधर दास भंडारी ने अपने सैनिकों को वनों से लकड़ियां लाने का आदेश दिया.
सैनिकों ने पेड़ काटने के लिए आगे कदम बढ़ाए, लेकिन वहां कुछ ग्रामीण, जिनके नेतृत्व में अमृता देवी बिश्नोई नाम की एक महिला भी थी, वह अपने पेड़ों की रक्षा करने के लिए उनके सामने खड़ी हो गईं. अमृता ने इस बात का समर्थन किया कि खेजड़ी के पेड़ उनके लिए पवित्र हैं और वह उन्हें काटने की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने अपने आस्थाओं के लिए इसका उल्लंघन किया और खुद का सिर कटवा लिया.
इस हादसे के बाद, सैनिकों ने गुस्से में आकर गांव के लोगों की हत्या कर दी, जिसमें अमृता के बच्चे समेत 350 से अधिक लोगों की जान गई. जब राजा को इस घटना की जानकारी मिली, तो उसने तुरंत अपने सैनिकों को वापस बुलवा लिया और उनके साथ विश्नोई समुदाय के लोगों से माफी मांगी. इसके बाद, राजा महाराजा अभय सिंह ने घोषणा की कि बिश्नोई समुदाय के गांवों के आसपास के क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई और जानवरों की हत्या नहीं की जाएगी.