Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की अराधना की जाती है. शैलपुत्री माता पार्वती का ही अवतार हैं. इनका जन्म हिमालय की गोद में हुआ था इसलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. माता का वाहन वृषभ यानी बैल है इसलिए देवी को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां एक हाथ में त्रिशूल धारण करती हैं और दूसरे हाथ में कमल का फूल. माता शैलपुत्री को सभी जीवों का रक्षक भी माना जाता है. मां शैलपुत्री को ही सती के नाम से जाना जाता है. पार्वती और हेमवती देवी के इसी रूप के नाम हैं.
माता की पूजा करने से जीवन में स्थिरता आती है. महिलाओं को माता की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. मां शैलपुत्री की कृपा से महिलाओं की पारिवारिक स्थिति, दांपत्य जीवन, पारिवारिक क्लेश और बीमारियां दूर होती हैं.
मां शैलपुत्री को सफेद वस्तु बहुत प्रिय है इसलिए मां को सफेद वस्त्र और सफेद फूल ही अर्पित करें. इस दिन मां को सफेद बर्फी का भोग लगाया जाता है.
ॐ शैलपुत्रये नमः मंत्र का जाप करें.