What is Plastic Recycling : प्लास्टिक भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में एक बड़ी समस्या है और प्लास्टिक से निजात पाने के लिए प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करने और प्लास्टिक को रीसाइकिल करने की नसीहत दी जाती है. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि प्लास्टिक रीसाइकिल करके उससे छुटकारा पाने के बारे में सोचना महज़ एक मिथ (myth) है तो?
दरअसल अमेरिका की ग्रीनपीस रिपोर्ट की माने तो प्लास्टिक रीसाइक्लिंग रेट (recycling rate) लगातार गिर रहा है जबकी इसका प्रोडक्शन बढ़ रहा है. साल 2021 में अमेरिका के घरों से 51 मिलियन टन प्लास्टिक वेस्ट निकला. जिसमें से सिर्फ 2.4 मिलियन टन यानि सिर्फ 5% ही रीसाइकिल हो पाया.
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इस रिपोर्ट में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग को एक फेल्ड कॉन्सेप्ट कहा जा रहा है. जिसके कुछ कारण भी बताए गए हैं.
प्लास्टिक वेस्ट इतनी ज़्यादा मात्रा में जनरेट होता है कि इसे इक्ट्ठा करना काफी मुश्किल है. अगर इसे इक्ट्ठा कर भी लिया जाए तब भी मिक्सड प्लास्टिक वेस्ट को एक साथ रीसाइकिल नहीं किया जा सकता.
रीसाइक्लिंग प्रोसेस खुद ही पर्यावरण के लिए हानिकारक है और ये माइक्रोप्लास्टिक जनरेट करता है. वहीं काम करने वाले लोग भी ज़हरीले केमिकल के संपर्क में आते हैं. इन सब के अलावा प्लास्टिक रीसाइक्लिंग एक महंगा प्रोसेस है.
इस स्टडी का कहना है कि नया प्लास्टिक रीसाइकिल्ड प्लास्टिक से कंपीट करता है और इससे ज़्यादा सस्ता और अच्छी क्वालिटी का होता है. यही वजह है कि इस स्टडी में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग को एक फेल्ड कॉन्सेप्ट कहा गया है.