हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथी को प्रदोष व्रत रखा जाता है. भगवान भोले नाथ को प्रसन्न करने से सारे बिगड़े काम बन जाते हैं. कहा जाता है कि भोलेनाथ को जल और दूध अर्पित करने से मनचाहा फल मिलता है. चलिए जानते हैं कब है इस महीने का पहला प्रदोष व्रत.
इस महीने का पहला प्रदोष व्रत 6 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगा. वहीं व्रत का समापन अगले दिन यानी 7 अप्रैल को 6 बजकर 53 मिनट पर होगा. ऐसे में 6 अप्रैल को व्रत रखा जाएगा.
प्रदोष व्रत पर प्रदोष काल में शिव भगवान की पूजा के दौरान स्तुति पाठ करने से लाभ मिलता है. पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 42 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा.
यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन शिव जी की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं. इसके बाद मंदिर की सफाई करके शिवलिंग पर जल चढ़ाएं. इस दिन ऊं नम शिवाय का 108 बार जाप करें.
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