सप्तमी तिथि यानि मां कालरात्रि का दिन. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां की अराधना करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर होती हैं. मां दुर्गा ने ये अवतार शत्रुओं का नाश करने के लिए लिया था. कालरात्रि का जन्म दैत्य रक्तबीज़ के संहार के लिए हुआ था. शास्त्रों में कालरात्रि को काल की मृत्यु बताया गया है.
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कहा जाता है कि नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन भय मुक्त होता है. सांवला (श्याम वर्ण) होने के कारण इन्हें कालरात्रि कहा जाता है. मां कालरात्रि की चार भुजाएं हैं.
मां का प्रिय रंग काला है. देवी कालरात्रि को व्यापक रूप से - काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई रौद्र रूपों में से एक माना जाता है. मां की पूजा करते हुए उन्हें गुड़ ज़रूर अर्पित करें.
मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए आप मंत्र का भी उच्चारण कर सकते हैं -
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:.
ॐ कालरात्र्यै नम:.
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ.
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा.