Darsha Amavasya 2023: दर्श अमावस्या पर बन रहे हैं 2 शुभ योग, चंद्र देव और पितरों की पूजा का है महत्व

Updated : Jun 17, 2023 08:59
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Editorji News Desk

Darsha Amavasya 2023: आषाढ़ मास (Ashadha) में आने वाली अमावस्या को दर्श अमावस्या कहा जाता है और दर्श अमावस्या का हिंदू धर्म में ख़ास महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन चंद्र देव (Chandra Dev) की पूजा करने और व्रत करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. 

दर्श अमावस्या को श्राद्ध अमावस्या भी कहा जाता है, इसलिए इस दिन पितरों (Pitra) की पूजा की जाती है. इस दिन गंगा स्नान करने का भी महत्व हैं.

दर्श अमावस्या तिथि 2023 (Darsha Amavasya Tithi)

हिंदी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 17 जून को सुबह 09 बजकर 11 मिनट से शुरू हो रही है. वहीं इसके समाप्त होने का समय 18 जून सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर है. 

2 शुभ योग बन रहे हैं

इस बार दर्श अमावस्या के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं.  

सर्वार्थ सिद्ध योग सुबह 5 बजकर 23 मिनट से शाम 04 बजकर 25 मिनट तक बन रहा है. 

अमृत सिद्ध योग भी सुबह 5 बजकर 23 मिनट से शाम 04 बजकर 25 मिनट तक है.

चंद्रमा की पूजा करने का है विधान

  • मान्यता है कि इस दिन चंद्र देव की पूजा करने और व्रत करने से बीमारियां दूर होती है.
  • ज़िंदगी में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
  • कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली का चंद्र दोष भी दूर होता है. 

यह भी देखें: Ashadha Masik Shivratri 2023: आज है आषाढ़ मासिक शिवरात्रि पूजा; जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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