Dev Uthani Ekasdashi 2023: आज देश भर में देवउठनी एकादशी मनाई जा रही है. इस अवसर पर सुबह-सुबह श्रद्धालु गंगा घाटों पर जुटे और पवित्र डुबकी लगाई. प्रयाग राज के गंगा घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु ने गंगा में स्नान कर पूजा-अर्चना की. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन ही तुलसी की खास पूजा की जाती है और इस दिन तुलसी का विवाह विवाह शालीग्राम से किया जाता है.
हिंदी कैलेंडर में त्योहारों के लिहाज़ से कार्तिक मास को बेहद अहम और ख़ास माना गया है, इस महीने में लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में देवउठनी एकादशी भी आती है. हिंदी पंचांग में कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है.
देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास का भी समापन हो जाता है धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, चातुर्मास में भगवान विष्णु आराम करते हैं. आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवता शयन को जाते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन योग निद्रा से जगते हैं, इसीलिए इसे देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. हरि के जागने के बाद चार महीनों से स्थगित शुभ और मांगलिक कार्य पुन: शुरू हो जाते हैं.
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