Dhanteras 2023: धनतेरस के दिन से 5 दिन की दिवाली उत्सव की शुरुआत हो जाती है. बाजारों में धनतेरस के दिन अलग ही रौनक दिखती है. लोग सोने-चांदी के आभूषण खरीदने पहुंचते हैं वहीं बर्तनों की दुकानों पर अलग ही भीड़ देखने को मिलती है. इसके अलावा, लोग झाड़ू, खील-बताशे और लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति जैसी चीज़ें भी इसी दिन घर लाते हैं. धनतेरस के दिन शाम को मां लक्ष्मी, कुबेर भगवान की पूजा करने का विधान है. लेकिन क्या आपको पता है, धनतेरस के दिन शाम को यम का दीया भी जलाया जाता है.
दरअसल, धनतेरस के दिन प्रदोष काल में यम की पूजा की जाती है. इस दिन शाम के समय प्रदोष काल में दक्षिण दिशा में एक चौमुखा दीपक यानि के एक दीये में 4 बत्तियां डालकर जलाई जाती हैं, जिसे यम दीपक कहते हैं. ऐसा माना जाता है कि यम दक्षिण दिशा के स्वामी हैं और उनके नाम से इस दिन यम देवता की पूजा और दीपक जलाने से घर से अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है और सुख शांति की प्राप्ति होती है.
धनतेरस के दिन पुरानी मिट्टी के दीपक में चारों ओर बाती लगाकर उसमें सरसों का तेल भर दें. इसके बाद घर की दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके इस दीपक को जला दें, दीपक के नीचे अक्षत ज़रूर रखें. इसके साथ ही इस मंत्र का जाप कर लें.
मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्।
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