Diwali 2023: दिवाली हिन्दू धर्म (Hinduism) का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो देश भर में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान राम (Rama)अपनी पत्नी सीता (Sita Maa) और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास का खत्म करके अपने घर अयोध्या (Ayodhya) लौट आये थे.
लोगों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया था इसके बाद से इस दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाने लगा है. लेकिन दिवाली के दिन लोग राम-सीता की जगह माँ लक्ष्मी (Maa Laxmi) और भगवान गणेश (Ganesha) की पूजा-अर्चना करते हैं. क्या आपने कभी सोचा है की इसका कारण क्या है?
दिवाली को भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी के उपासना से जोड़ा जाता है. दिवाली की रात को माना जाता है की देवी लक्ष्मी ने अपने पति के रूप में विष्णु को चुना और उनसे विवाह किया.
इस दिन माना जाता है की धन की देवी माँ लक्ष्मी घर में प्रवेश करती है. इस दिन धन-सम्पदा और शांति के लिए लक्ष्मी और गणेशा भगवन की विशेष पूजा-अर्चना होती है.
इसके पीछे कई कहानियां जिनमें से एक समुद्र मंथन से जुड़ी है. इस मंथन में देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ. यह मंथन हजारों वर्ष तक चला और इस क्रिया के दौरान देवी लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुई. जिस दिन वह प्रकट हुई उस दिन कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या थी.
देवी लक्ष्मी के आने से देवता असुरों से ज्यादा बलशाली हो गए. जब देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हो रही थी तो सभी देवता उनकी उपासना कर रहे थे. भगवन विष्णु भी उपासना कर रहे थे. इस कारण कार्तिक अमावस्या के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है जिससे धन और सम्पदा प्राप्त होती है.
तो दिवाली सिर्फ भगवान राम के लौटने का त्यौहार नहीं है बल्कि यह धन की देवी माँ लक्ष्मी को अपने घर में स्वागत करने का भी प्रतिक है, इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है.
यह भी देखें: Dhanteras 2023: कब है धनतेरस? जानिये क्या है धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त