Durga Puja Tradition: पश्चिम बंगाल में नवरात्रि के समय दुर्गा पूजा धूमधाम से की जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुर्गा पूजा के लिए मां की मूर्ति को बनाने के लिए वेश्याओं के आंगन की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है? कोलकाता के रेड लाइट एरिया सोनागाछी से लाई गई मिट्टी से मां की मूर्ति का निर्माण किया जाता है.
आइये जानते हैं कि क्यों मां की मूर्ति को वेश्यालयों के आंगन की मिट्टी से तैयार किया जाता है.
ऐसा करने के पीछे कई मान्यताएं है, जिनमें से एक पौराकाणिक कथा के अनुसार, एक बार गंगा स्नान के लिए जा रही कुछ वेश्याओं ने घाट पर कुष्ठ रोगी को बैठे देखा, जो लोगों से गंगा स्नान करवाने के लिए कह रहा था, लेकिन किसी ने उसकी गुहार न सुनी.
फिर वेश्याओं ने रोगी को गंगा स्नान करवा दिया. वह कुष्ठ रोगी भगवान शिव जी थे, वेश्याओं ने शिव जी के कहने पर वरदान मांगा कि, हमारे आंगन की मिट्टी के बिना दुर्गा प्रतिमाओं ना बन पाएं. बस तभी से यह परंपरा चली आ रही है.
इसके अलावा यह भी माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति वेश्याओं के घर जाता है तब वह अपने पुण्य कर्म बाहर ही छोड़कर जाता है, इसलिए उनके आंगन की मिट्टी पवित्र होती है. इसलिए दुर्गा मां की प्रतिमा बनाने के लिए वेशालय के आंगने की मिट्टी लाई जाती है.