Diwali 2022 : हिंदू धर्म में दीपावाली का विशेष महत्व होता है. देश में लोग दिवाली को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान राम (Ram) अपनी पत्नि सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल का वनवास काटकर अपने घर यानि अयोध्या (Ayodhya) लौटे थे. लोगों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया था, तभी से ये त्योहार मनाया जाता है. लेकिन लोग दिवाली के दिन राम-सीता की जगह माता लक्ष्मी (Maa Laxmi) और भगवान गणेश (Ganesha) की पूजा-अर्चना करते हैं. क्या आपने कभी सोचा है क्यों?
दीपावली को भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी से जुड़ा हुआ माना जाता है. दीपावली (Diwali 2022) की रात वो दिन है जब लक्ष्मी ने अपने पति के रूप में विष्णु को चुना और फिर उनसे शादी की. कहा जाता है कि धन की देवी मां लक्ष्मी इस दिन घर में प्रवेश करती हैं. इस दिन धन-संपदा और शांति के लिए लक्ष्मी और गणेश भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
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देवताओं और असुरों के बीच में समुद्र मंथन हुआ. ये समुद्र मंथन हज़ारों साल चला, इस समुद्र मंथन के दौरान एक दिन महालक्ष्मी निकली. उस दिन कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या थी. लक्ष्मी को पाकर देवता असुरों से अधिक बलशाली हो गए. जब माता लक्ष्मी का समुद्र मंथन से आगमन हो रहा था, तो सभी देवता हाथ जोड़कर अराधना कर रहे थे. भगवान विष्णु भी अराधना कर रहे थे. इसी कारण, कार्तिक अमावस्या के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है.