Ganesh Chaturthi 2023: 18 या 19 सितंबर कब है गणेश चतुर्थी, जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Updated : Sep 13, 2023 16:53
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Editorji News Desk

Ganesh Chaturthi 2023 Date:  हिंदु धर्म में गणेश चतुर्थी का ख़ास महत्व होता है. इस त्योहार को भक्त बड़ी ही धूम-धाम से मनाते हैं और बप्पा को घर लेकर आते हैं. गणपति को अपने घर लाने के लिए देशभर में इसकी तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. 10 दिन के इस महोत्सव की शुरूआत  गणेश चतुर्थी के दिन से ही हो जाती है. 

कब से शुरू हो रहा है गणेश महोत्सव (Ganesh Chaturthi start and end date 2023)

हिंदू पंचाग के मुताबिक, गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. गणेश महोत्सव की शुरुआत गणेश चतुर्थी के दिन से होती है, जो इस साल 19 सितंबर को पड़ रही है.  

गणेश चतुर्थी 2023 तिथि (Ganesh Chaturthi Tithi 2023)

चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 को दोपहर के 02:09 मिनट से शुरू

चतुर्थी तिथि 19 सितंबर 2023 को दोपहर के 03:13 मिनट पर समाप्त 

गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त (Ganesh Sthapana Muhurat 2023)

गणेश चतुर्थी के दिन गणेश भक्त घर में गणपति की स्थापना करते हैं. गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर को सुबह 11 बजकर 7 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक है.   

क्या है गणेश चतुर्थी का महत्‍व (Significance of Ganesh Chaturthi 2023)

मान्यता है कि भाद्र मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश का जन्म हुआ था. दस दिन बाद यानि अनंत चतुर्दशी को गणपति विसर्जन पंचांग के अनुसार 28 सितंबर 2023 (Ganesh Visarjan 2023 Date) किया जाएगा. पौराणिक मान्यता है कि गणेश महोत्सव के दौरान गणेश जी की विधि पूर्वक पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

पूजा की विधि (Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi)

  • पूजा करने से पहले सभी सामग्री (गणेश मूर्ति, पूजा की थाली, फूल, धूप, दीपक, अगरबत्ती
    अक्षत, फूल, प्रसाद, फल, मिश्री, मिठाई, गंगाजल को तैयार करें. 
  • अपने घर के मंदिर या पूजा स्थल पर बैठें.
  • गणेश मूर्ति को साफ करें और उसे गंगाजल से स्नान कराएं.
  • अब गणेश जी को वस्त्र (एक धोती या पारंपरिक परिधान) से ढ़कें.
  • गणेश मूर्ति के सामने पूजा की थाली रखें और उस पर अक्षत और पुष्प रखें.
  • धूप, अगरबत्ती और दीपक जलाकर उसे गणेश जी के सामने रखें और दूर्वा की माला बांधें.
  • गणेश आरती गाएं और बप्पा की आरती करें. 
  • अब मोदक, फल, मिश्री, मिठाई आदि को गणेश जी को अर्पित करें. और फिर खुद प्रसाद ग्रहण करें. 

यह भी देखें: G20 Summit: क्या है नटराज की मूर्ति का महत्व, जिसे भारत मंडपम में स्थापित किया गया है?
 

ganesh chaturthi

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