हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है. क्या आप जानते हैं धरती पर मां गंगा कैसे प्रकट हुई? साथ ही, गंगा सप्तमी के दिन किस भगवान की पूजा करनी चाहिए. चलिए जानते हैं इस साल कब है गंगा सप्तमी.
इस साल गंगा सप्तमी 13 मई शाम 5 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी, जिसका समापन अगले दिन 14 मई शाम 6 बजकर 49 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार इस साल 14 मई को गंगा सप्तमी का त्योहार मनाया जाएगा.
मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां गंगा धरती पर प्रकट हुई थीं. पौराणिक कथाओं के अनुसार भागीरथ की सालों की तपस्या के कारण मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं, लेकिन मां गंगा की तेज़ धारा के कारण उन्हें सीधा धरती पर लाना आसान नहीं था. इस स्थिती में देवों के देव महादेव ने गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया. इसके पीछे कारण यह है कि अगर मां गंगा सीधे धरती पर प्रकट होती हैं, तो अपनी तेज धारा से धरती पर उतरकर, सीधा पृथ्वी को पूरी चीरकर पाताल पहुंच जाती, जो सृष्टि के नाश का कारण बनता.
गंगा सप्तमी पर गंगा में स्नान करने और मां गंगा की पूजा करने से मनचाहा फल मिलता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं. इसके बाद सूर्य को जल अर्पित करें. इस दिन मंत्रों का जाप करने से भी फायदा होता है. साथ ही, गंगा सप्तमी के दिन शंकर भगवान का भी अभिषेक करना चाहिए, क्योंकि मां गंगा भोलेनाथ की जटाओं में समाती हैं.
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