महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा का विशेष महत्व है. इस साल 9 अप्रैल को गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया जाएगा. हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन से नए साल की शुरुआत होती है. गुड़ी पड़वा को 'उगादि' भी कहा जाता है. चलिए जानते हैं
गुड़ी पड़वा के दिन एक बांस लेकर उसके ऊपर चांदी, तांबे या पीतल का उल्टा कलश रखा जाता है, जिसे गुड़ी कहा जाता है, फिर इसे सुन्दर कपड़े से सजाया जाता है. इसके अलावा घरों के मुख्य द्वार के लिए तोरण यानी आम या अशोक के पत्तों से बंदरवार बनाया जाता है. इस दिन अपने घर को सजाने और गुड़ी फहराने से घर में सुख समृद्धि आती है और बुराइयों का नाश होता है.
गुड़ी पड़वा के दिन घरों में मीठी रोटी बनाई जाती है, जिसे पूरन पोली कहते हैं. पूरन पोली गुड़, नमक, नीम के फूल, इमली और कच्चा आम मिलाकर बनाई जाती है. पूरन पोली खाने में बेहद टेस्टी होती है.
हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि इस दिन सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी ने संसार की रचना की थी और बुराइयों का अंत किया था. इसीलिए गुड़ी पड़वा के दिन ब्रह्माजी की विशेष रूप से पूजा की जाती है.
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