Makar Sankranti 2023: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति यानि खिचड़ी के त्योहार को बेहद खास माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है. मकर संक्रांति के दिन गुड़ और तिल के दान का विशेष महत्व माना जाता है.
यह भी देखें: Makar Sankranti 2023: 14 या 15 जनवरी? किस दिन मनाया जाएगा मकर संक्रांति का त्योहार, जानिये यहां
मकर संक्रांति पर देश के कई शहरों में पतंग उड़ाने की परंपरा है. इस अवसर पर बाज़ार से लेकर आसमान तक रंग बिरंगे पतंगों से सजे नज़र आते हैं. खासकर गुजरात जैसे शहरों में इस मौके पर पतंगबाज़ी की प्रतियोगिता भी रखी जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्रीराम ने की थी. पुराणों में उल्लेख है कि मकर संक्रांति पर पहली बार भगवान श्रीराम ने पतंग उड़ाई थी और ये पतंग उड़ते हुए स्वर्गलोक में इंद्र के पास जा पहुंची. इस बात का उल्लेख तमिल की तन्दनानरामायण में भी मिलता है. भगवान ने इस पतंग पर संदेश लिख कर इंद्रदेव को दिया था.
मान्यता है कि संक्रांति पर अपनी मनोकामना अगर पतंग पर लिख कर उड़ाया जाए तो वो ईश्वर तक पहुंचती है और इच्छा पूरी होती है.