Kalashtami Jayanti: हिंदी पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरव जयंती मनाई जाती है. इस साल काल भैरव जयंती 5 दिसंबर को पड़ रही है.
इस दिन कालाष्टमी व्रत रखा जाता है और काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव (Baba Kala Bhairav) की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव (Shiva) के रूप में काल भैरव की पूजा करने से भक्त के सभी दोष, पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं.
पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 4 दिसंबर 2023, सोमवार रात 9 बजकर 59 मिनट से शुरू हो रही है. जिसके समाप्त होने का समय 5 और 6 दिसंबर की मध्यरात्रि 12 बजकर 37 मिनट है.
उदयातिथि के अनुसार बाबा काल भैरव की जयंती 5 दिसंबर को मनाई जा रही है. काल भैरव जयंती पर पूजा का शुभ मुहूर्त 5 दिसंबर 2023 की सुबह 10 बजकर 53 मिनट से दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक है. वहीं रात में पूजा का मुहूर्त रात 11 बजकर 44 मिनट से रात 12 बजकर 39 मिनट तक है.
इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहा लें और साफ कपड़ें पहने. इसके बाद बाबा काल भैरव के मंदिर में घर में चौकी लगाकर उनकी प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद दीप, धूप जलाकार पूजा करें. साथ ही शिव जी, मां पार्वती और गणेश जी की भी पूजा-अर्चना करें. इस दिन बाबा काल भैरव को उड़द दाल और सरसों का तेल ज़रूर अर्पित करें.
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