Kanwar Yatra 2023: इस साल सावन (Sawan) का पावन महीना 4 जुलाई से शुरू हो रहा है और इस महीने में कांवड़ यात्रा का ख़ास महत्व है. लाखों कांवड़िए कंधे पर कांवड़ लेकर हरिद्वार (Haridwar) से गंगा जल (Ganga Jal) लेने जाते हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि कांवड़ यात्रा की शुरूआत कैसे हुई और कौन था पहला कांवड़िया?
मान्यता है कि त्रेतायुग में श्रवण कुमार ने कांवड़ में अपने माता-पिता को बिठाकर हरिद्वार में गंगा स्नान करवाया था. इस यात्रा को ही पहली कांवड़ यात्रा माना गया. इसका उल्लेख रामायण में भी मिलता है.
हालांकि बाद में कांवड़ यात्रा को शिव पूजन और सावन के महीने से जोड़ दिया गया. जिसके बाद परशुराम जी ने सबसे पहले कांवड़ यात्रा की. मान्यता है कि परशुराम जी के बाद श्री राम ने भी कावड़ यात्रा की थी.
कहा जाता है कि रावण ने भी कांवड़ यात्रा कर भगवान शिव को जल अर्पित किया था जब उन्होंने समुद्र मंथन के दौरान विष पी लिया था.
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