आज से नवरोज शुरू हैं. यह दिन पारसी न्यू ईयर के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. पारसी नए साल का इतिहास 3,000 साल पुराना है. चलिए जानते हैं कैसे मनाया जाता है यह दिन.
नवरोज़ का दिन फारस के राजा जमशेद की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने पारसी कैलेंडर बनाया था. पारसी समुदाय में 360 दिनों का एक साल होता है.
नवरोज़ दो शब्दों से बना है. पहला नव और दूसरा रोज़. नव का मतलब 'नया' होता है. वहीं, रोज़ का मतलब ‘दिन’ होता है. दोनों शब्दों को मिलाया जाए, तो नवरोज़ का मतलब ‘नया दिन’ होता है.
इस दिन पारसी लोग घरों को सजाते हैं. वहीं, सुबह नहाने के बाद राजा जमशेद की पूजा करते हैं. इसके अलावा, इस दिन पवित्र अग्नि में चन्दन की लकड़ी चढ़ाने की परंपरा भी है. नवरोज़ के दिन घर में स्वादिष्ट पकवान बनते हैं. साथ ही, इस दिन दान भी किया जाता है.
नवरोज़ ईरान, अफगानिस्तान, इराक, तुर्की और सीरिया के कुर्द क्षेत्रों और सेंट्रल एशिया में मनाया जाता है. इसके अलावा, यह लॉस एंजिल्स, टोरंटो और लंदन जैसे शहरों सहित अमेरिका और यूरोप में मायनॉरिटी लोगों द्वारा यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है.
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