Maha Shivratri: भगवान शिव ऐसे देवता हैं जिन्हें सिर्फ एक लोटा पानी और बेलपत्र अर्पित करने से ही प्रसन्न किया जा सकता है. शिव जी की पूजा करने के लिए शिव पुराण में कुछ खास दिन बताए गए हैं, जब व्रत रखे जात हैं और शंकर भगवान की पूजा की जाती है. जैसे मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, सावन का महिना आदि. इन सब में से सबसे खास दिन महाशिवरात्रि को माना जाता है.
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है और व्रत भी रखा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर होता है. आइये जानते हैं.
हिंदू पंचाग के अनुसार हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मनाई जाती है, जिसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है. इस तरह से एक साल में 12 मासिक शिवरात्रियां होती हैं. वहीं फाल्गुन के महीने में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. महाशिवरात्रि का सभी मासिक शिवरात्रि से ज्यादा महत्व होता है.
इस दिन भगवान शंकर ने वैराग्य त्यागकर माता पार्वती से विवाह किया था इसलिए इस दिन को महाशिवरात्रि कहा जाता है. महाशिवरात्रि के दिन शिव जी के साथ माता पार्वती की भी पूजा करने का महत्व है.
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा. इस दिन भक्त भगवान शिव की पूर्जा अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का 08 मार्च को रात 09 बजकर 57 मिनट पर शुरू हो रही है और तिथि के समाप्त होने का समय 9 मार्च को शाम 06 बजकर 17 मिनट पर है.
यह भी देखें: Maha Shivratri 2024: महाशिवरात्रि पर ऐसे करें भगवान शंकर को प्रसन्न, जानिये पूजा का शुभ मुहूर्त