महादेव (Mahadev) के बारह ज्योतिर्लिंगों (Jyotirling) में सबसे विशेष उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में वैशाख माह के आरंभ पर विशेष आयोजन किया गया. वैशाख माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा यानि हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख (Vaishakh) महीने का पहला दिन. इस महीने से शुरु होता है गर्मी का प्रकोप. आने वाले महीनों की बढ़ती गर्मी को देखते हुए उज्जैन महाकालेश्वर (Ujjain Mahakaleshwar) मंदिर में मिट्टी के 11 कलशों की गलंतिका बांधी गई.
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इन मटकियों में भारत की 11 पवित्र नदियों व्यास, गंगा आदि नदियों का पानी रहता है. इन्हें 17 अप्रैल की सुबह भस्म आरती के साथ बांधा गया. यह जल धारा शिवलिंग पर दो महीने तक सुबह 6 से शाम 4 बजे तक प्रवाहित की जाती है. मान्यता है कि विष की उष्णता गर्मियों में बढ़ जाती है इसलिए महादेव को शीतलता प्रदान करने के लिए मिट्टी के इन कलशों की स्थापना की जाती है.