Mahalaya 2022: 25 सितंबर को महालया का त्योहार मनाया जा रहा है. महालया का महत्व बंगाली समुदाय (Bengali community) में बेहद ख़ास है. मां दुर्गा में आस्था रखने वाले लोग बेसब्री से इस दिन का इंतज़ार करते हैं. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, महालया के दिन पितरों की विदाई के साथ पितृपक्ष (Pitru Paksha) का समापन होता है और देवी पक्ष (Devi Paksha) की शुरुआत होती है. माना जाता है कि महालया वो दिन है जब मां दुर्गा (Goddess Durga) कैलाश पर्वत से धरती पर आईं थी. महालया के दिन ही मूर्तिकार मां दुर्गा की आंखों को तैयार करते हैं और रंग भरकर मूर्ति को अंतिम रूप देते हैं.
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इन सभी के अलावा, एक और ऐसी चीज़ भी है जिसके बिना महालया अधूरा है- वो है रेडियो पर टेलीकास्ट होने वाला बीरेंद्र कृष्ण भद्र का शो ‘महिषासुर मर्दिनि!’. आकाशवाणी पर दिवंगत बीरेंद्र कृष्ण भद्र ने साल 1966 में अपनी आवाज़ में लाइव रिकॉर्ड किया था जिसके बाद से हर साल इसे टेलीकास्ट किया जाता है. पश्चिम बंगाल में तो बीरेंद्र कृष्ण भद्र की महिषासुर-मर्दनी का पाठ सुने बिना दुर्गा पूजा की शुरुआत होना तो जैसे संभव ही नहीं है. एक समय था जब महालया के दिन सुबह 4 बजे उठकर रेडियो सेट खोल कर बैठ जाना लोगों की प्रथा में शामिल था, पर आज की डिजिटल एज में रेडियो की जगह भले ही यूट्यूब ने ले ली है पर आज भी इसके ज़रिये बीरेंद्र कृष्ण भद्र का शो ‘महिषासुर मर्दिनि Mahalaya लोगों के दिलों में बसा है.
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मां दुर्गा की कथा, स्तुति और श्लोकों से सजा ये शो बांग्ला और संस्कृत भाषा में है. कोरस में आती आवाज़ें, दुर्गा सप्तशती के श्लोकों का गान और बीच-बीच में रोमांचित कर देने वाली बीरेंद्र कृष्ण भद्र की आवाज़ आपको मां दुर्गा की भक्ति से भर देगा. ये शो आज भी सुनने में उतना ही नया लगता है, जितना शुरुआत के सालों में लगता था.