Mangala Gauri Vrat 2023: हिंदू धर्म में सावन के महीने को बहुत ही पवित्र और शिव (Shiva) प्रिय माना जाता है. सावन के महीने में सोमवार के व्रत करने का महत्व है. साथ ही इस महीने के हर मंगलवार के दिन मंगला गौरी (Mangala Gauri) व्रत किया जाता है.
हिंदी पंचांग के अनुसार, 4 जुलाई को सावन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. इसी दिन सावन का पहला मंगला गौरी व्रत रखा जा रहा है.
मंगला गौरी व्रत की पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 45 मिनट से दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक है.
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- मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर नहा लें.
- साफ सुथरे कपड़े पहनकर मां गौरी की प्रतिमा स्थापित करें.
- सबसे पहले शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और पूजा शुरू करें
- शिव-पार्वती की पूजा एक साथ करें
- पूजा के दौरान मां को अक्षत, कुमकुम, फल, फूल माला और
- सोलह श्रंगार और सुहाग की चीज़ें अर्पित करें
- इसके बाद धूप, दीप जलाकर आरती करें
- शाम को फलाहार करके व्रत खोलें
सावन में पड़ने वाले मंगलवार के दिन महिलाएं मां पार्वती (Maa Parvarti) की पूजा अर्चना करती हैं और साथ ही व्रत भी रखती हैं. मंगला गौरी मां पार्वती का ही रूप हैं. मान्यताओं के अनुसार अखंड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए ये व्रत रखा जाता है.
यह व्रत सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां करती हैं. मान्यता है कि इस व्रत से मंगल दोष (Mangal Dosh) से मुक्ति मिलती है और विवाह से संबंधित बाधाएं दूर होती हैं.