Mithun Sankranti 2023: हर महीने सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. इस साल 15 जून को सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. इसलिए इस दिन को मिथुन संक्रांति के नाम से जाना जाता है.
Mithun Sankranti के दिन भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन को भारत कई के राज्यों में पर्व की तरह मनाया जाता है.
मिथुन संक्रांति इस साल 15 जून को शाम 6 बजकर 29 मिनट पर है. जिसका पुण्य काल और महा पुण्य काल दोनों का समय 15 जून को शाम 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 20 मिनट तक है जिसकी अवधि 52 मिनट है. इस साल ख़ास बात ये है कि पिछले साल भी मिथुन संक्रांति इसी दिन पड़ी थी.
मिथुन संक्रांति के दिन सिलबट्टे की पूजा करने का ख़ास महत्व है. मान्यता है कि सिलबट्टे में धरती मां का वास होता है. इसलिए धरती मां के तीन दिन के मासिक धर्म के दौरान सिलबट्टे का इस्तेमाल नहीं किया जाता और तीन दिन बाद सिलबट्टे का जल व दूध से अभिषेक किया जाता है.
इसके बाद धूप, दीप जलाकर पूजा की जाती है. साथ ही सिंदूर, चंदन, फल और फूल चढ़ाने का भी महत्व है.
यूं तो पूरे साल में 12 संक्रांति होती हैं लेकिन सबसे ख़ास मिथुन संक्रांति ही मानी जाती है. माना जाता है कि इसी दिन धरती मां को तीन दिन के लिए मासिक धर्म हुए थे और इसी दिन को पृथ्वी के विकास का प्रतीक माना जाता है.
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