Parsva Ekadashi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में 2 एकादशी (Ekadashi) होती हैं और साल में 24. वहीं भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पार्श्व एकादशी कहा जाता है. जो इस साल 25 सितंबर को है. पार्श्व एकादशी को परिवर्तनी एकादशी, वामन एकादशी (Vamana Ekadashi), जयंती एकादशी (Jayanti ekadashi) भी कहा जाता है.
इस साल पार्श्व एकादशी का व्रत 25 सितंबर को रखा जा रहा है. एकादशी तिथि 25 सितंबर 2023 को सुबह 07 बजकर 55 मिनट से शुरू हो रही है जिसके समाप्त होने का समय 26 सितंबर की सुबह 05 बजे है.
पारण यानि व्रत खोलने का समय 26 सितंबर दोपहर 01 बजकर 25 मिनट से दोपहर 03 बजकर 50 मिनट तक है.
मान्यता है कि कि इस दिन यानि भाद्रपद शुक्ल एकादशी को विष्णु जी योग निद्रा में करवट बदलते हैं और इसी वजह से इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है.
इस दिन सुबह स्नान कर घर के मंदिर में दीप जलाकर पूजा करें. भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें और फूल और तुलसी अर्पित करें.
धूप-दीप जलाकर भगवान की आरती करें. विष्णु भगवान को भोग लगाएं और ध्यान से भोग प्रसाद में तुलसी ज़रूर मिलाएं. साथ ही इस दिन लक्ष्मी मां की भी पूजा करें.
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