Pitru Paksha 2023: आखिर क्यों होता है पितृ पक्ष का आखिरी दिन सबसे महत्वपूर्ण

Updated : Oct 12, 2023 10:42
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Editorji News Desk

Pitru Paksha 2023: इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू हुए थे जो 14 अक्टूबर को समाप्त होने वाले हैं. वैदिक एस्ट्रोलॉडजी टीचर, बानी सिंह चड्ढा (Bani Singh Chadha) के अनुसार श्राद्ध के 16 दिनों में अंतिम दिन सबसे महत्वपूर्ण और सबसे पवित्र होता है और इसे महालया अमावस्या (Mahalaya Amavasya) कहा जाता है. 

इस दिन आप सामूहिक रूप से अपने सभी पूर्वजों का सम्मान कर सकते हैं, खासकर अगर आप सही देवता को नहीं जानते तब. सुबह 11 से 12:30 बजे के बीच तर्पण करना ज़रूरी है.  

इस दिन पूर्वजों का सम्मान करना और उनके प्रति अपना प्यार और आभार व्यक्त करना भी महत्वपूर्ण है, जैसे कि जब हमारे घर में मेहमान आते हैं और जब वे वहां होते हैं तो हम उनकी देखभाल करते हैं. लेकिन जब वे जा रहे होते हैं, तो हम उनके प्रति और भी अधिक प्यार दिखाते हैं और उन्हें उपहार देकर उनका सम्मान करते हैं. 

इसी तरह पितृ पक्ष के आखिरी दिन, अपने पूर्वजों के प्रति अपना प्यार और सम्मान दिखाना ज़रूरी है क्योंकि उनके आशीर्वाद के बिना, हम अपने जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना नहीं कर पाते हैं. इसलिए इन अनुष्ठानों से, हम उन्हें संतुष्ट करते हैं और बदले में, वे हमें आशीर्वाद देते हैं.

यह भी देखें: Pitru Paksha 2023: बिहार का गया ही नहीं बल्कि गुजरात का ये शहर भी है पिंडदान के लिए मशहूर 

Pitrupaksha

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