Pradosh Vrat: हिंदी कैलेंडर के अनुसार हर महीने में दो त्रयोदशी तिथि होती हैं और इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से सुखों की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
अधिक मास का दूसरा प्रदोष व्रत 13 अगस्त को रखा जा रहा है. ये व्रत रविवार को पड़ रहा है इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जा रहा है. सावन मास के कृष्ण त्रयोदशी तिथि की शुरूआत 13 अगस्त को सुबह 8 बजकर 19 मिनट पर हो रही है और जिसके समाप्त होने का समय 14 अगस्त 10 बजकर 25 मिनट है.
शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 9 बजकर 22 मिनट तक है.
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